लखनऊ। मेंडिकल कॉलेजों में संविदा पर कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों का फायदा होगा है। प्रदेश सरकार ने उनके मानदेय में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उनके मानदेय में बढ़ोतरी का यह प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के लिए भेजे गए प्रस्तावों में शामिल था, जिसे मंजूरी मिल गई। 2019 के बाद चिकित्सा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी होगी। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर तीनों श्रेणियों में मानदेय बढ़ाया गया है।योगी सरकार प्रदेश में एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की मुहिम चला रही है। इसी क्रम में प्रदेश में नये मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों की खासी कमी है। इसका सीधा असर मरीजों के इलाज से लेकर मेडिकल छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा है। यही नहीं स्टाफ के अधूरे मानकों के चलते एनएमसी ने प्रदेश के 13 नये सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अभी मान्यता भी नहीं दी है। इस फैसले के खिलाफ इन मेडिकल कॉलेजों द्वारा एनएमसी में अपील दाखिल की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात भी की थी। दूरस्थ मेडिकल कॉलेजों में कम मानदेय के कारण चिकित्सा शिक्षक नहीं मिल रहे। जो काम कर रहे हैं, वो भी लगातार मानदेय बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं। प्रदेश सरकार ने उनकी इस मांग को पूरा कर दिया है। मेडिकल कॉलेज में संविदा पर काम कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसर को 90 हजार, एसोसिएट प्रोफेसर को 1 लाख 20 हजार और प्रोफेसर के लिए 1 लाख 35 हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। मानदेय बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। अब असिस्टेंट प्रोफेसर को 90 हजार की जगह 1.20 लाख, एसोसिएट प्रोफेसर को 1.20 लाख की जगह अब 1.60 लाख और प्रोफेसर को 1.35 लाख की जगह अब 2.20 लाख रुपये प्रतिमाह मानदेय के रूप में मिलेंगे। जल्द इस संबंध में शासनादेश जारी हो जाएगा।
