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गंगा में बनेगा देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज


गंगा में बनने वाला पहला सिग्नेचर ब्रिज 2028 में बनकर तैयार होगा। यह पुल एक किमी लंबा होगा। पुल के निर्माण में 2500 करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए रेल अधिकारियों को बजट का इंतजार है।मालवीय पुल से 50 मीटर की दूरी पर समांतर गंगा में बनने वाला लगभग एक किलोमीटर लंबा सिग्नेचर ब्रिज देश का पहला ब्रिज होगा। देश की किसी भी नदी में सिक्सलेन की सड़क और चार लेन का रेलवे ट्रैक वाला पुल नहीं बना है। 2500 करोड़ की लागत से 2028 तक बनकर तैयार होने वाले सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में आने वाली कागजी बाधाओं को पार करते हुए रेलवे ने इसकी डीपीआर फाइनल कर ली है। पिछले दिनों ही केंद्र सरकार ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। रेल अधिकारियों को बजट का इंतजार है। 2028 तक गंगा में देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैयार होगा।वाराणसी से चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और बिहार तक को जोड़ने वाले मालवीय पुल की अवस्था पूरी होने के चलते नए सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है। 1887 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मालवीय पुल का निर्माण हुआ था। लगभग डेढ़ दशक से भारी वाहनों और बसों का मालवीय पुल पर आवागमन प्रतिबंधित है। सिग्नेचर ब्रिज प्रोजेक्ट से जुड़े रेल अधिकारियों ने बताया कि गंगा में लगभग एक किमी लंबे सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है। एक से दो माह के अंदर बजट और टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू होगी। रेल अधिकारियों के अनुसार गंगा में बनने वाले सिग्नेचर ब्रिज को इसलिए देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज बताया जा रहा है, क्योंकि इस पुल के ऊपर सिक्सलेन की सड़क बनेगी और इसके नीचे चार लेन का रेलवे ट्रैक बिछेगा। अब तक किसी भी नदी में सिक्सलेन की सड़क और चार लेन का रेलवे ट्रैक नहीं बिछाया गया है। एडीआरएम लालजी चौधरी ने बताया कि सिग्नेचर ब्रिज को लेकर मुख्यालय स्तर से तैयारियां चल रही हैं।
सभी विभागों में बनी है सहमति
सिग्नेचर ब्रिज निर्माण को लेकर पिछले माह कमिश्नरी सभागार में कमिश्नर कौशल राज शर्मा, उत्तर रेल अधिकारियों, नगर निगम, जलकल, बिजली, वीडीए, पीडब्ल्यूडी, कमिश्नरेट पुलिस के साथ ही अन्य विभागों की संयुक्त बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ था कि सभी विभाग आपसी समन्वय के जरिये पुल निर्माण में सहयोग करें।
100 की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें
मालवीय पुल से गुजरे रेलवे ट्रैक पर फिलहाल 40 किमी की रफ्तार से ट्रेनों को चलाया जाता है। मालगाड़ियों की रफ्तार और धीमी होती है। चार लेन का रेलवे ट्रैक बिछने के बाद यात्री ट्रेनें 90 से 100 किमी की रफ्तार से चलेंगी।
पड़ाव चौराहा 200 मीटर तक होगा चौड़ा
सिग्नेचर ब्रिज के साथ ही दोनों तरफ की सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ाई जा रही है। सिक्सलेन सड़क के हिसाब से ही अन्य सड़कें बनाई जाएंगी। पड़ाव चौराहा को 200 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इसके अलावा रामनगर-टेंगरा मोड़ मार्ग और पड़ाव-पीडीडीयूनगर मार्ग को फोरलेन किया जा रहा है।

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