एडिलेड टेस्ट में गुलाबी गेंद से बुमराह का सामना करना काफी मुश्किल काम होगा। गुलाबी गेंद चमक देर तक रहती है और यह तेज गेंदबाजों को देर तक सहायता प्रदान करती है। बुमराह का गुलाबी गेंद के टेस्ट में रिकॉर्ड अच्छा है।पर्थ टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की विध्वंसक गेंदबाजी के आगे ढेर होने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम एडिलेड में छह दिसंबर से होने वाले गुलाबी गेंद के टेस्ट में इस गेंदबाज की काट ढूंढने में लगी है। एडिलेड टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम, वहां की मीडिया और दिग्गजों में सिर्फ बुमराह के नाम की चर्चा है। पर्थ टेस्ट में 72 रन पर आठ विकेट लेकर भारत को 295 से जीत दिलाने वाले बुमराह की गेंदबाजी को ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों ने तूफान की संज्ञा दे दी है। महान ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को एडिलेड में इस तूफान का सामना करने की सलाह दी है। बुमराह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहद खतरनाक रहे हैं। उन्होंने इस देश के खिलाफ उसकी धरती पर आठ टेस्ट खेले हैं और 18.80 की औसत से 40 विकेट लिए हैं।
गुलाबी गेंद से सामना करना होगा मुश्किल
एडिलेड टेस्ट में गुलाबी गेंद से बुमराह का सामना करना काफी मुश्किल काम होगा। गुलाबी गेंद चमक देर तक रहती है और यह तेज गेंदबाजों को देर तक सहायता प्रदान करती है। बुमराह का गुलाबी गेंद के टेस्ट में रिकॉर्ड अच्छा है। उन्होंने तीन दिन-रात्रि के टेस्ट खेले हैं, जिसमें 14.50 की औसत से 10 विकेट लिए हैं। हालांकि उन्होंने 2020 के एडिलेड टेस्ट में दो ही विकेट लिए थे।
समाधान के तरीके खोज रहे हैं : कैरी
पर्थ टेस्ट में करारी हार के बाद ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने बुमराह के बारे में कहा, ‘वह शानदार गेंदबाज हैं। वह इस जिम्मेदारी को कई सालों से निभाते आ रहे हैं। हमारे बल्लेबाज भी विश्वस्तरीय हैं और उन्होंने हमेशा समाधान के तरीके खोजे हैं।’ कैरी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि हमारे बल्लेबाज पहले और दूसरे स्पैल का का अच्छी तरह सामना करेंगे। गेंद के पुरानी होने के साथ बल्लेबाजी को और गहराई तक ले जाएंगे। हमने पर्थ में देखा कि ट्रेविस हेड ने दूसरी पारी में किस तरह जवाबी आक्रमण बोला। हमें अपने बल्लेबाजों पर विश्वास है। हम बुमराह के ही खिलाफ नहीं बल्कि अन्य भारतीय गेंदबाजों के आगे कोई न कोई हल जरूर निकाल लेंगे।’
धैर्य के साथ देर तक बल्लेबाजी करें : गिलक्रिस्ट
एडम गिलक्रिस्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बुमराह के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में धैर्य के साथ बल्लेबाजी करने पड़ेगी। उन्हें क्रीज पर इस गेंदबाज के खिलाफ देर तक समय बिताना पड़ेगा। ऐसा करके ही बुमराह और भारतीय गेंदबाजों के खतरे को कम किया जा सकता है। ऐसा करने पर मार्नस लाबुशाने और स्टीव स्मिथ जैसे दिग्गज अपनी खोई फॉर्म में भी वापसी कर सकते हैं। गिलक्रिस्ट सलाह देते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को तूफान का सामना करना होगा। लाबुशाने को यह जिम्मेदारी पहले उठानी होगी और कम से कम 50 गेंदों का धैर्यपूर्वक सामना करना होगा। ऐसा करने के बाद लाबुशाने सही दिशा की ओर बढ़ेंगे।
पर्थ में पहले बल्लेबाजी का फैसला साहसिक : कुक
इंग्लैंड के महान बल्लेबाज एलियेस्टर कुक भी बुमराह के कद्रदानों में शामिल हो गए हैं। कुक ने बुमराह की ओर से पर्थ टेस्ट में पहले बल्लेबाजी के निर्णय को साहसिक फैसला करार दिया है। कुक कहते हैं कि यह एक साहसी निर्णय था। अगर और कोई कप्तान होता तो वह पहले गेंदबाजी का फैसला लेता, लेकिन बुमराह ने ऐसा नहीं किया। यह और भी ज्यादा हैरान करने वाला था कि भारतीय टीम ने पहली पारी में महज 150 रन पर सिमटने के बाद धैर्य नहीं खोया। उन्होंने बुमराह की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया को महज 104 रन पर समेटकर टेस्ट में बढ़त बना ली। पहले टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करना इस बात का प्रतीक है कि भारतीय टीम साहसी और किसी भी परिस्थिति में जीतने की अपनी क्षमता को लेकर बेहद आश्वस्त है।वरिष्ठ ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को एकादश से बाहर रखने के फैसले पर कुक ने कहा, जरा सोचिए कि वे कितने बहादुर थे? उन्होंने अश्विन को नहीं उतारा जिन्होंने 500 टेस्ट विकेट लिए हैं। मुझे लगा कि अश्विन बेहतरीन होंगे लेकिन आप जानते हैं, उनकी सोच शानदार थी। इस तरह के विकेटों पर नई गेंद के साथ बूमर (जसप्रीत बुमराह) हो तो वापसी हो सकती है, वह हमेशा शानदार प्रदर्शन करते हैं और टीम उसका समर्थन करती है।
