मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों और दवाओं में मिलावट को एक गंभीर सामाजिक अपराध बताया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस तरह के अपराधों में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा विषय है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो लोग नकली दवाओं और मिलावटी खाद्य सामग्री के कारोबार में लिप्त हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से चिन्हित किया जाए। उनकी तस्वीरें शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं ताकि आम जनता उन्हें पहचान सके और समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की समीक्षा बैठक में यह भी निर्देश दिया कि दूध, पनीर, तेल, घी और मसालों जैसी चीजों की जांच उत्पादन स्थल (फैक्ट्री) पर ही की जाए। दुग्ध उत्पादों की जांच के लिए विशेष टीम बनाई जाए जो नियमित निगरानी रखे। पेशेवर रक्तदाताओं (बार-बार पैसे लेकर रक्त देने वाले लोग) की पहचान की जाए और इस पर भी रोक लगाई जाए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि पहले सिर्फ 6 मंडलों में खाद्य और दवा जांच प्रयोगशालाएं थीं, अब 13 और मंडलों (जैसे कानपुर, मिर्जापुर, अयोध्या, बरेली आदि) में भी प्रयोगशालाएं खोली गई हैं। लखनऊ, गोरखपुर और झांसी की पुरानी लैब को और आधुनिक बनाया गया है। लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में माइक्रोबायोलॉजी लैब्स खोली गई हैं, जो वायरस, बैक्टीरिया और दूसरे रोग पैदा करने वाले तत्वों की जांच कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी प्रयोगशालाओं के रख-रखाव और संचालन के लिए कॉर्पस फंड (एक स्थायी फंड) बनाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि नकली दवाओं के कारोबार पर रोक लगाने के लिए एफएसडीए और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए। इस तरह की कार्यवाहियों की प्रभावशीलता और गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जाए। एफएसडीए ने अब बारकोड और पासवर्ड-संरक्षित सिस्टम शुरू किया है ताकि खाद्य और दवा के नमूनों की जांच पूरी तरह गोपनीय रहे। हर सैंपल की जांच डिजिटल तरीके से वैज्ञानिक करेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी के बाद ही रिपोर्ट को मान्यता मिलेगी। जनता के लिए मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर अब आम लोग भी शिकायत कर सकते हैं। ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ नामक मोबाइल ऐप से टोल फ्री नंबर 1800-180-5533 पर कॉल करके मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक शिकायतकर्ता खुद संतुष्ट न हो, तब तक शिकायत का समाधान पूरा नहीं माना जाएगा। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि पिछले 3 वर्षों में 1,470 करोड़ के निवेश प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं। इससे 3,340 लोगों को सीधा रोजगार मिला है। सिर्फ फुटकर दवा दुकानों में ही 65,000 से ज्यादा नई नौकरियां बनी हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि थ्ैक्। में खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए, ताकि विभाग और ज्यादा मजबूत हो।
