बुधवार की रात में बारिश होने के साथ ही इस लाइन पर ट्रिपिंग शुरू होने लगी। ऐहतियात में बरहुआ से इन लाइनों को बंद करना पड़ा। रात में ही पेट्रोलिंग के दौरान पता चला कि कई जगह लाइन पर पेड़ की डाली लटकी हुई है, जिससे बार-बार ट्रिपिंग हो रही।प्री मासून के पहले बिजली निगम वितरण खंड के अभियंताओं के पेट्रोलिंग में कमी रही गई। नतीजा, पहली बारिश के दौरान ही शहर के कई बिजली घरों से बिजली आपूर्ति घंटों गुल रही। अनुमान के मुताबिक, पहली बारिश में ही 50 हजार से अधिक घरों की बत्ती गुल रही। देर रात 12 बजे से बाद से सुबह साढ़े आठ बजे तक बिजली आपूर्ति प्रभावित थी। इस दौरान सबसे अधिक दिक्कत घरों में पानी का संकट हो गया।दरअसल, बरहुआं ट्रांसमिशन से 33 हजार की लाइन घर के बिजली घरों तक आती है। इस लाइन की पेट्रोलिंग और मरम्मत का जिम्मा वितरण खंड के अभियंताओकिा होता है। बुधवार की रात में बारिश होने के साथ ही इस लाइन पर ट्रिपिंग शुरू होने लगी। ऐहतियात में बरहुआ से इन लाइनों को बंद करना पड़ा।रात में ही पेट्रोलिंग के दौरान पता चला कि कई जगह लाइन पर पेड़ की डाली लटकी हुई है, जिससे बार-बार ट्रिपिंग हो रही। बारिश के बीच ही इन डालियों की छंटाई का काम शुरू किया गया। इससे कई बिजली घरों की लाइन बंद करना पड़ गया। बुधवार की रात सबसे अधिक दिक्कत लालडिग्गी( मिर्जापुर फीडर), रूस्तमपुर, नार्मल, रानीबाग, विष्णुपूरम, बक्शीपुर इलाके में हुई। यहां रात 12 बजे से बाद बिजली गुल हुई, जो सुबह 9 बजे तक बहाल हो सकी। हालांकि, बिजली निगम का दावा इससे अलग है। दावे के मुताबिक, आधे से एक घंटे तक की कटौती हुई थी।बिलंदपुर के मनोज ने बताया कि इलाके में रात 12 बजे बिजली आपूर्ति गुल हुई थी, जो सुबह 5 बजे शुरू हो सकी। बारिश होने से गर्मी तो नहीं थी, लेकिन फिर भी पानी की कमी से सुबह काम प्रभावित हो गया। जगन्नाथपुर के नवीन पांडेय ने बताया कि उनके घर आधी रात के बाद से लेकर सुबह तक बिजली आपूर्ति गुल रही।सुबह आपूर्ति प्रभावी होने के बाद राहत की सांस ली। विष्णुपुरम के विवेक ने बताया कि रात में दो बजे करीब बिजली आपूर्ति गुल हो गई थी। सुबह चार बजे के बाद आपूर्ति आई। ऐसे ही बिछिया के राजकपूर ने बताया कि बारिश शुरू होने के साथ ही बिजली आपूर्ति गुल हो गई। बताया कि बिछिया में पूरे दिन बिजली का संकट बना रहा। इसके बाद रात 12ः30 बजे से 3 बजे भोर तक दिक्कत थी।
सुचनाएं भी छिपाते हैं
बिजली निगम के अभियंता सुचनाएं भी छिपाते हैं। जैसे, बरहुआ से बिजली आपूर्ति किसी भी प्रकार से प्रभावित होने पर लिखा-पढ़ी में दर्ज हो जाता। लेकिन, बिजली घर से जाने वाली लाइन और ट्रांसफार्मरों के खामी की वजह से होने वाली आपूर्ति को रिकार्ड में नहीं लेते।
सूत्रों की मानें तो इसी वजह से तो बृहस्पतिवार को सिर्फ तीन बिजली घर से बिजली आपूर्ति प्रभावित दिखाई गई। जबकि, मोहद्दीपुर, बिछिया, बक्शीपुर, राप्तीनगर, शाहपुर, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, विष्णुपुरम, नंदा नगर, सैनिक विहार समेत अन्य इलाकों में भी बिजली गुल रही, लेकिन रिकार्ड में नहीं लिया गया।
नए सीई के आते ही बड़ी चुनौती
गोरखपुर मंडल के नए मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव ने एक दिन पहले ही अपना चार्ज लिया है। इनके सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती है कि वो बिजली आपूर्ति की व्यवस्था को मानसून में प्रभावित न होने दें। मानसून के दौरान हाईटेंशन लाइन से बंद होने बिजली आपूर्ति के अलावा बिजली घरों से निकलने वाली आपूर्ति को प्रभावी बनाए रखना एक बड़ा चैलेंज होगा।क्योंकि उपभोक्ता अक्सर बारिश में होने वाली लाइन ट्रिपिंग और उपकरणों की खामी से घंटों बिजली आपूर्ति झेलते हैं।मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि बारिश की वजह से बिजली आपूर्ति की दिक्कत रही थी। कई जगहों पर रीस्टोर करवा ली गई है, जबकि कुछ जगहों पर जल्द ही हो जाएगी।
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